भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने हर महीने, हर तिमाही या हर छमाही (रिकरिंग पेमेंट्स) के लिए UPI ऑटो-पे सुविधा शुरू की है। यूजर अब किसी भी UPI ऐप्लीकेशन का इस्तेमाल करके रिकरिंग पेमेंट जैसे मोबाइल बिल, बिजली के बिल, EMI भुगतान, एंटरटेनमेंट/ओटीटी सब्सक्रिप्शन, इंश्योरेंस, म्यूचुअल फंड और लोन पेमेंट आदि के लिए रिकरिंग ई-मेंडेट को इनेबल कर सकते हैं। नई सुविधा के तहत 2,000 रुपए तक के भुगतान के लिये UPI पिन की जरूरत नहीं होगी। NPCI ने इस सुविधा को UPI-2.0 के तहत शुरू किया है।
रिकरिंग पेमेंट के लिए चुनना होगा ई-मैंडेट काऑप्शन
एनपीसीआई ने कहा कि हर UPI ऐप में अब एक ई-मैंडेट का ऑप्शन मिलेगा। इस विकल्प को चुनकर यूजर्स किसी भी रिकरिंग पेमेंट की मंजूरी दे सकेंगे। यही नहीं, अगर आपको लगता है कि किसी भुगतान को रोकना है तो आप इसी विकल्प पर जाकर रिकरिंग पेमेंट को रोक सकते हैं। वहीं, भुगतान राशि घटने या बढ़ने पर यूजर इसमें भी बदलाव कर सकेंगे।
सिर्फ एक बार खातेको करना होगा सर्टिफाइड
ग्राहकों को एक बार के लिए यूपीआई पिन के जरिए अपने खाते को सर्टिफाइड करना होगा और बाद में मासिक भुगतान अपने आप डेबिट हो जाएंगे। यूपीआई ऑटो-पे सुविधा के तहत सिंगल पेमेंट के साथ ही दैनिक, साप्ताहिक, 15 दिन, हर महीने, हर दूसरे महीने, तिमाही, छमाही, सालाना आधार पर भुगतान करने की सुविधा दी जाएगी।
कई बैंक पहले से दे रहे ये सुविधा
कई बैंक, विक्रेता और एग्रीगेटर UPI ऑटो पे की सुविधा पहले से ही दे रहे हैं। उनमें एक्सिस बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, एचडीएफसी बैंक, एचएसबीसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, आईडीएफसी बैंक, इंडसइंड बैंक, पेटीएम पेमेंट्स बैंक, ऑटोपे-दिल्ली मेट्रो, पॉलिसी बाजार, पेटीएम और रेजरपे सहित कई अन्य शामिल हैं।
बढ़ रहा UPI का चलन
कोरोना संक्रमण के कारण लोग पैसों के नगद लेनदेन की जगह डिजिटल पेमेंट का उपयोग कर रहे हैं। डिजिटल पेमेंट के मामले में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) लोगों की पहली पसंद बना हुआ है। नेशनल पेमेंट्स कॉर्प ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के आंकड़ों के मुताबिक जून महीने में लोगों ने UPI से रिकॉर्ड 1.34 बिलियन (134 करोड़) ट्रांजेक्शन के जरिए लगभग 2.62 लाख करोड़ रुपए का लेनदेन किया है। ये अब तक किसी भी महीने में UPI से किए गए लेनदेन में सबसे ज्यादा है।
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